प्रणव....बेटा बहुत बढिया लिखा तुमने... अभी तुम बच्चे हो इस लिए भगवान हो....और सच में तुम भगवान हो सकते हो...बस यही ईमानदारी हमेशा अपने व्यक्तित्व में....बनाए रखना........भाई दीन दयाल जी आप.....बच्चों को यूं ही प्रोत्साहित करते रहें...
भाई अनिल चड्ढा जी ..ब्लॉग पर टिप्पणी के लिए आपका आभार..
प्रणव....बेटा बहुत बढिया लिखा तुमने... अभी तुम बच्चे हो इस लिए भगवान हो....और सच में तुम भगवान हो सकते हो...बस यही ईमानदारी हमेशा अपने व्यक्तित्व में....बनाए रखना........भाई दीन दयाल जी आप.....बच्चों को यूं ही प्रोत्साहित करते रहें...
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