उफ़ ये झूठी वाह वाह ........अगर ये आलेख किसी एक लेखक को भी आईना देखने का सलीका सिखाने में कामयाब होता है तो मैं समझता हूँ मेरा लिखना सार्थक हो गया ....आपका बहुत बहुत शुक्रिया
उफ़ ये झूठी वाह वाह ........अगर ये आलेख किसी एक लेखक को भी आईना देखने का सलीका सिखाने में कामयाब होता है तो मैं समझता हूँ मेरा लिखना सार्थक हो गया ....
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया